Introduction to Switches
एक switch LAN के अंतर्गत hosts को आपस में connect करने के लिए यूज़ किया जाता है। Switch से आप 2 networks को आपस में connect नहीं कर सकते है। अलग अलग networks को आपस में connect करने के लिए router का यूज़ किया जाता है।
Working Of Switch
जब भी कोई host किसी दूसरे host को कोई frame send करता है तो source host का MAC address switch की address table में port के साथ store हो जाता है। एक switch हमेशा source का address ही table में store करता है। मेरा मतलब जब तक की कोई host कुछ data send नहीं करेगा तब तक उसका MAC address और port number switch की table में store नहीं होगा।
जब आप शुरू में switch को setup करते है तो switch को किसी भी host और उसके address की कोई जानकारी नहीं होती है। ऐसी situation में जब कोई host frame send करता है तो उसका MAC address तो table में store हो जाता है लेकिन destination की कोई भी जानकारी नहीं होने की वजह से switch उस frame को सभी hosts को send कर देता है।
ऐसे ही जब दूसरा host कुछ data send करता है तो उसका address भी table में store हो जाता है। ऐसे जब भी कोई host frames भेजता है और यदि उसका address पहले से table में मौजूद नहीं है तो switch उसे store कर लेता है। इस प्रकार एक switch अपनी table build करता है।
जब सभी hosts के addresses और port numbers switch में आ जाते है तो switch बिना सभी hosts को frame भेजे केवल जिस host के लिए data भेजा गया है उसी host को deliver करता है।
Hubs एक single collision domain को represent करते है लेकिन स्विच में हर port एक separate collision domain होता है। इससे दूसरे hosts पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
Layer 2 switching के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप Layer 2 swittching in Hindi tutorial पढ़ सकते है।